पृष्ठ

power

LATEST:


विजेट आपके ब्लॉग पर

बुधवार, 1 अप्रैल 2009


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।







माँ दुर्गा आप को नमस्कार है।संपूर्ण जगत की माता आप को नमस्कार है ।तुम सर्वज्ञ, सर्वप्रकार से मंगल करने वाली एवं सर्व मंगलों की भी मंगल हो। दयासागर प्रेममय माँ दुर्गा प्रसन्न हो । तुम परब्रह्मस्वरूप, सत्य, नित्य एवं सनातनी हो।सभी की कामनाओं को पूर्ण करने वाली माँ दुर्गा मैं आपको बारंबार प्रणाम करती हूँ।




दुर्गा का प्रथम रूप शैलपुत्री माना गया है। दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी कहा गया है। तीसरा रूप चंद्रघंटा है। दुर्गा का चौथा रूप कुष्माण्डा है। पाँचवा रूप स्कंद माता है। दुर्गा का छठा रूप कात्यायनी है। दुर्गा का सप्तम रूप कालरात्रि है। दुर्गा का अष्टम रूप महागौरी है। दुर्गा का नवम रूप सिद्धिदात्री है।




इस तरह नवरात्र के 9 दिन माँ की आराधना व पूजन,जप तन मन को शुद्ध कर संपूर्ण श्रद्धा व विश्वास से किया जाए तो कई कष्टों से बचा जा सकता हैं। साथ ही दुर्गा सप्तशती के पाठ से हर मनोकामना पूर्ण होती है ।








LinkWithin

Related Posts with Thumbnails