स्वप्नों का भी बडा विचित्र इतिहास है। हर सपने का भिन्न - भिन्न अर्थ होता है। ज्योतिष शास्त्र, तंत्र शास्त्र में भी स्वप्नों के विषय में काफी जानकारी दी गई है। मंत्रों द्वारा भी साधक को स्वप्नों द्वारा जानकारी मिल जाती है जिससे उसे भूत भविष्य वर्तमान की जानकारी मिलती रहती है।
हर स्वप्न का अर्थ भिन्न - भिन्न होता है परंतु एक ही वस्तु के भिन्न - भिन्न अर्थ हो सकते है। कई बार हम स्वप्न मे कई चीजें एक साथ देखते हैं जिससे उस स्वप्न का अर्थ नकारात्मक होते हुए भी सकारात्मक हो जाता है। जैसे स्वप्न में हम ने किन्नर को देखा तथा साथ में गणपति जी को भी देखा। स्वप्न में खाली किन्नर को देखना अच्छा नहीं होता है। किन्नर का जीवन अधूरापन लिए होता है। ये स्वप्न देखने वाले के जीवन में धन, मान सम्मान तथा सेक्स से संबंधित कमी को दर्शाता है। ज्योतिष शास्त्र में भी बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए किन्नर को कुछ दान करने के लिए कहा जाता है। अब स्वप्न में किन्नर के साथ - साथ गणपति जी को देखना नकारात्मक का प्रभाव सकारात्मक में बदल जाता है। गणपति को देखना शुभ संकेत है। भविष्य में उन्नति, सुख संपत्ति, तथा मंगल कार्य का संकेत देता है। दोनों का स्वप्न में आना हमे यह दर्शाता है कि अगर आप के जीवन में जो अधूरापन है तो वह समाप्त हो जायेगा। धन, मान-सम्मान, तथा वैवाहिक जीवन का सुख प्राप्त होने का संकेत है।
इस प्रकार से स्वप्नों के जरिए हमे सटीक फल का मूल्यांकन करना चाहिए।
चित्र गूगल साभार
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (23-02-2017) को "त्योहारों की रीत" (चर्चा अंक-2890) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
शास्त्री जी आप का बहुत बहुत धन्यवाद।
हटाएंबहुत बढ़िया पोस्ट।
जवाब देंहटाएंआभार
हटाएंअच्छी रही प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार
हटाएंBahut badiya.. Apke sare articles bade knowledgeable hote hai..
जवाब देंहटाएंBahut badhiya.
जवाब देंहटाएंआभार
हटाएंVery nice 👍
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