पृष्ठ

power

LATEST:


विजेट आपके ब्लॉग पर

सोमवार, 15 मार्च 2010

महाकुम्भ पर्व का द्धितीय शाही स्नान



विक्रम संवत् 2066 ,चैत्र मास कृष्ण पक्ष अमावस्या सोमवार दिनांक 15 मार्च 2010 को आज हरिद्धार मे महाकुम्भ पर्व का द्धितीय शाही स्नान है। आज सोमवती अमावस्या भी है ।आज सूर्य और चंद्र का अद्भूत् संयोग है ।सोमवती अमावस्या और महाकुम्भ का यह अद्भूत् संयोग 760 वर्ष के बाद हुआ है।पवित्र नदियो मे स्नान करना पुण्यदायक माना जाता है लेकिन यही स्नान जब विशेष पर्वो पर हो तो इस का महत्व कई गुना अधिक हो जाता है। हमारे शास्त्रो मे कुम्भ के इस महापर्व मे स्नान का बहुत महत्व बताया है। हजारो स्नान कार्तिक मास मे ,सैकडो स्नान माघ मे और वैशाख मास मे करोडो बार नर्मदा नदी मे स्नान किये हो ,इन सभी के स्नान का फल एक बार कुम्भ मे स्नान करने से मिल जाता है। हजारो अश्वमेघ यज्ञ,सैकडो वाजपेय यज्ञ करने तथा लाखो प्रदक्षिणा पृथ्वी की करने पर जो फल मिलता है वही फल कुम्भ पर्व मे स्नान से मिलता है। स्नान करते समय अपने दोनो हाथो द्धारा कुम्भ- मुद्रा (कलश मुद्रा ) दिखाकर और उसमे अमृत की भावना कर स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद गणपति जी का पूजन करने से पहले कलश की स्थापना करनी चाहिए ।फिर कलश का षोडशोपचार पूर्वक एक, चार, ग्यारह, इक्कीस अथवा यथा शाक्ति सुवर्ण, रजत, ताम्र, या पीतल के कलशों में धृत भर कर योग्य विद्धान को ' घृत कुम्भ ' का दान करना चाहिए। वैसे भी कुम्भ पर्व के समय घृतपूर्ण कुम्भ (कलश) का पूजन कर वस्त्र,अंलकार,आभूषण तथा सुवर्ण खण्ड सहित सदाचारी विद्धान को देने से सैकडो गोदान ,तीर्थ यात्रा और अश्वमेघ यज्ञ करने का फल मिलता है तथा मनुष्य के पितरो की आत्मा संतुष्ट होती है।

चित्र गूगल से



4 टिप्‍पणियां:

  1. चलिए आपकी कृपा से एक मानसिक डुबकी हम भी लगा हीं लेते है। धन्य है कुम्भ की महिमा। धन्य है भक्तो की भक्ति। परमात्मा सब को परम आनन्द की झलक दिखलाएँ।........

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बढ़िया लिखा है आपने! कुम्भ की महिमा धन्य है! सबको सुख शांति मिले यही प्रार्थना है!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही उपयोगी जानकारी.धन्यवाद.
    आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं

LinkWithin

Related Posts with Thumbnails