हिंदू नव वर्ष का आरंभ चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से किया जाता है।चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था।आज नवसंवत्सर विक्रम संवत 2078 मार्च 13, 2021 से हिंदुओं का नया साल शुरू होता है। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को आरम्भ करते समय उस समय के नवसंवत्सर का उच्चारण किया जाता है। कुल संवत्सर 60 प्रकार के होते हैं। जब 60 संवत्सर पूरे हो जाते हैं तो फिर पहले संवत्सर का आरंभ हो जाता है। हमारे ग्रंथों में भी 60 साल के चक्रों का वर्णन है। जिसे 3 भागो में बांटा गया है। 20 साल ब्रह्मा जी के, 20 साल विष्णु जी के, 20 साल शिव जी के माने गये हैं। ब्रह्माजी के 20 साल नवनिर्माण के होते हैं जिसमें निर्माण और विनाश दोनों होते हैं। 20 साल जो विष्णुजी के है, उसमे नये आविष्कार दुनिया में होते हैं। जो ब्रह्माजी के निर्माण का ही एक अंग है। बाकि जो 20 साल शिवजी के होते हैं वो उन सबको भोगने के लिए होते हैं।विक्रम संवत 2078 का आरंभ मंगलवार से हो रहा है तो इस साल के राजा मंगलदेव और मेष संक्राति भी है तो मंत्री भी मंगलदेव होगे। नवरात्रि का पहला दिन जो वार होता है उससे माँ दुर्गा के वाहन का पता चलता है। मंगलवार के दिन होने पर देवी का वाहन घोड़ा है इसलिए इस बार माँ दुर्गा घोड़े पर सवार होकर धरती पर आई है। जिस से युद्ध की आशंका रहती है। पर जाते समय उनका वाहन हाथी है। जो खेती के लिए शुभ है तथा साथ ही ज्यादा वर्षा के योग भी बनते हैं।
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