प्रलय काल में सृष्टि को अपने में समाहित कर लेने का नाम ही लिंग है। सृष्टि के कर्त्ता देवों के देव महादेव जी हैं और महादेवी उनकी शक्ति हैं। शिव जी का पूरा परिवार शिवलिंग में ही विराजमान है। जो ऊपर लिंग है वह शिवजी का स्वरुप है और वेदी माता पार्वती जी हैं। और जहां से पानी गिरता है एक और गणेश दूसरी और कार्तिकेय जी का स्थान है। बीच का स्थान उनकी पुत्री अशोक सुंदरी का है इसलिए जब हम शिवलिंग पर जल की धार अर्पित करते हैं तो संपूर्ण शिव परिवार को जल अर्पित हो जाता है। हर हर महादेव 🙏