श्री सतगुरु महाराज जी को कोटि कोटि प्रणाम. क्या समर्पण करुँ मेरा तो कुछ भी नही,जो कुछ है वो आप ही का है,आप ही का आप को अर्पण मेरे प्रभु...
गुरुवार, 1 अक्टूबर 2009
क्यो?
न्यायलय मे गीता की शपथ ली जाती है।किसी ओर रामायण, वेद पुराणो की शपथ क्यो नही ली जाती है क्योकि जगत मे सत्य से भी बडा एक सत्य है ओर वह है प्रेम । जिसके प्रति प्रेम है उसके प्रति असत्य का होना कठिन होता है यानि जहां प्रेम है वही सत्य का दर्शन कर सकते है।प्रेम की रग को पकडना आवश्यक है तभी सत्य बुलवाया जा सकता है।
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