वेलेंटाइन डे पर अगर आप अपने प्रेमी या प्रेमिका को खुश करना चाहते है तो पहले अपने शुक्र ग्रह पर नजर डाले और साथ मे अपनी कुँड्ली मे पंचम भाव को भी देखें | पंचम भाव जो प्रेम का भी प्रतिनिधि है| उस की मजूबत स्थिति प्रेम को आगे लेकर जाती है|शुक्र ग्रह के मजूबत होने के साथ-साथ चंद्र ग्रह की स्थिति भी देखनी जरूरी है,चंद्रमा मन का कारक होता है इसलिए जहाँ शुक्र प्यार में आप की भावनाओ को व्यक्त करता है ,वहाँ चंद्र ग्रह आप के मन में उठते हुए जोश ओर उत्साह को व्यक्त करता है| इस साल वेलेंटाइन डे पर चंद्रमा की सबल स्थिति होने के कारण प्रेमी-प्रेमिका के दिलों मे जोश ओर उत्साह बना रहेगा | उस जोश को आप कितने साहस के साथ प्रदर्शित करते है |ये मंगल ग्रह पर निर्भर होता है,क्योकि मंगल साहस का प्रतीक है |जो आप को बिना किसी डर के अपने प्रेमी या प्रेमिका से मिलने की मंज़िल पर पहुँचा देता है | इन सब के अलावा आप की कुँडली में सातवां घर भी देखना जरूरी है | जो घर विवाह का है | प्रेम को विवाह के अंजाम तक पहुँचाना इसी घर पर निर्भर है| इस सब के बाद शुक्र की युति- प्रतियुति किस के साथ है, ये भी देखना जरूरी है | प्यार की नैया को अगर मंज़िल तक पहुँचाना है तो पहले अपनी कुँडली के ग्रहो की स्थिति को देख ले | कहीं बाद मे आप का दिल ना टूट जाएँ ओर नैया बीच भँवर मे ही ना डूब जाएँ और बाद मे पछताना पड़े |